कंप्यूटर के भाग (Parts of Computer)


कंप्यूटर को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जाता है  हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर (Hardware & Software). 

1 - कंप्यूटर हार्डवेयर (Computer Hardware)

किसी भी कंप्यूटर के सभी भौतिक हिस्सों को जिन्हे हम देखा या  छू सकते है हार्डवेयर कहा जाता है  उदहारण के लिए मॉनिटर, कीबोर्ड, माउस, मदर बोर्ड, आदि। कंप्यूटर हार्डवेयर को मुख्य रूप से दो भागों मई विभाजित किया जाता है। इंटरनल हार्डवेयर (Internal Hardware) और एक्सटर्नल हार्डवेयर (External Hardware).

1.1  - इंनटरनल हार्डवेयर (Internal Hardware)

कंप्यूटर कैबिनेट 

इंटरनल हार्डवेयर कंप्यूटर कैबिनेट के अंदर होते है जिन्हें सामान्य तौर पर बाहर से नहीं देखा जा सकता है। जैसे - 

  1. सी. पी. यू.- सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU - Central Processing Unit)
  2. रैम - रैंडम एक्सेस मेमोरी  (RAM -Random Access Memory)
  3. रोम - रीड ओनली मेमोरी (ROM - Read Only Memory)
  4. हार्ड डिस्क (Hard Disk)
  5. मदर बोर्ड (Motherboard)
  6. एन. आई. एस.- नेटवर्क इंटरफ़ेस कंट्रोलर (NIC - Network Interface Controller)
  7. हीट सिंक (Heat Sink)
  8. फैन (Fan)
  9. ग्राफ़िक कार्ड (Graphic Card)

1.2 - एक्सटर्नल हार्डवेयर (External Hardware)

एक्सटर्नल हार्डवेयर बाहर से कंप्यूटर के साथ जुड़े हुए होते है। जिन्हे इनपुट डिवाइस (Input Device) और आउटपुट डिवाइस (Output Device) कहा जाता है। इनपुट डिवाइस और आउटपुट डिवाइस के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया Topic 1:- कंप्यूटर परिचय (Computer Introduction) देखें। एक्सटर्नल हार्डवेयर के कुछ उदहारण निम्न प्रकार हैं -

  1. मॉनिटर (Monitor)
  2. यू. पी. एस. - अनइनट्रपटेबल पावर सप्लाई (UPS - Uninterruptible Power Supply)
  3. कीबोर्ड (Keyboard)
  4. माउस (Mouse)
  5. प्रिंटर (Printer)
  6. स्पीकर (Speaker)
  7. स्कैनर (Scanner)

2 - कंप्यूटर सॉफ्टवेयर (Computer Software)



कंप्यूटर सॉफ्टवेयर को छू नहीं सकते हैं। इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता हैं। यह निर्देशों तथा प्रोग्राम्स का एक समूह होता है। सॉफ्टवेयर के बिना कम्प्यूटर हार्डवेयर का एक निर्जीव बक्सा मात्र हैं।

अगर मानव शरीर के उदहारण से समझे तो हमारा शरीर हार्डवेयर है जिसे देख और छू सकते है और हमारा मन या विचार सॉफ्टवेयर है जिसे छुआ नहीं जा सकता। जैसे हमें कार्य करने के लिए शरीर और मन दोनों की आवश्यक्ता है, उसी प्रकार कंप्यूटर भी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों के तालमेल से कार्य करता है।

कंप्यूटर सॉफ्टवेयर मुख्य तौर से दो प्रकार के होते है। सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) व एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software).

2.1 - सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)

सिस्टम सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर होते है जो हार्डवेयर का नियंत्रण करते है और जिन्हें विशेष रूप से सिस्टम के लिए डिजाइन किया जाता है जैसे - 

2.1.1 - ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System)

ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है जो उपयोगकर्ता और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच एक पुल  की तरह काम करता है। 

उपयोगकर्ता इनपुट डिवाइसेस की मदद से आम भाषा में कंप्यूटर को निर्देश देता है। दिए गए निर्देशों को ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर, मशीनी भाषा में परिवर्तित कर आगे की प्रक्रिया के लिए कंप्यूटर प्रोसेसर को भेज देता है। तत्पश्चात कंप्यूटर दिए गए निर्देशों को प्रोसेस कर के मशीनी भाषा में ही जानकारी को वापस कर देता है यहाँ पर पुनः ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर, दी गयी जानकारी को फिर से आम भाषा में परिवर्तित कर के उपयोगकर्ता तक पंहुचा देता है। आप ये भी कह सकते हैं की ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर में ठीक वैसे ही काम करता है जैसे आम जिंदगी में एक लैंग्वेज ट्रांसलेटर करता है। कुछ लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम्स के नाम आपने जरूर सुने होंगे जैसे -

  1. Windows OS
  2. Mac OS
  3. Linux
  4. UBUNTU
  5. Android

2.1.2 - यूटिलिटी प्रोग्राम (Utility Programs)


ऐसे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर जो कम्यूटर की क्षमता को बढ़ाने के लिए बनाया जाता है यूटिलिटी प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर कहलाता है जैसे - एंटी वायरस, डिस्क मैनेजमेंट, बैकअप प्रोग्राम आदि। 

2.1.3 - डिवाइस ड्राइवर्स (Device Drivers)

डिवाइस ड्राइवर ऐसे सॉफ्टवेयर होते है जो कंप्यूटर हार्डवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम के बीच कम्युनिकेशन या ट्रांसलेटर का काम करते हैं। कंप्यूटर के साथ जो भी इनपुट या आउटपुट डिवाइसेस लगी होती हैं उनको कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ कम्यूनिकेट करने के लिए  की जरूरत होती है। इसके कुछ उदहारण हैं - ऑडियो ड्राइवर (Audio Driver), ग्राफ़िक ड्राइवर (Graphic Driver), मदर बोर्ड ड्राइवर (Motherboard Driver) आदि। 

2.2 - एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) 

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर होते है जो उपयोगकर्ता के लिए बनाये जाते है। इन्हे एंड यूजर (End User) सॉफ्टवेयर भी कहा जाता है।  ये मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। 

2.2.1 - बेसिक एप्लीकेशन (Basic Application)



बेसिक एप्लीकेशन वो सॉफ्टवेअर होते हैं जिन्हें हम रोजमर्रा के कामों के लिए इस्तेमाल करते हैं। जैसे -

  1. वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर (Word Processing Software)
  2. स्प्रेडशीट (Spreadsheet
  3. प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर (Presentation) 
  4. ग्राफ़िक्स एप्लीकेशन (Graphics Application)
  5. मल्टीमीडिया प्रोग्राम (Multimedia Program)
  6. डेस्कटॉप पब्लिसिंग एप्लीकेशन (Desktop Publicing Application)

2.2.2- स्पेशलाइज्ड एप्लीकेशन (Specialized Application)

स्पेशलाइज्ड सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर होते है जिन्हें किसी खास काम के लिए बनाया जाता है। कुछ लोग या कंपनियां अपनी अपनी जरूरत के हिसाब से भी इस तरह के सॉफ्टवेयर्स को बनवाती हैं। जैसे - 

  1. बिलिंग सॉफ्टवेयर (Billing Software)
  2. रिजर्वेशन सॉफ्टवेयर (Reservation Software)
  3. एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर (Accounting Software)
  4. पेरोल सॉफ्टवेयर (Payroll Software)


Click Here

कंप्यूटर के प्रकार (Types of Computer)

1 - माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)

जिन कम्प्यूटर्स को हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में अपने ऑफिस, स्कूल, दुकान या घर में देखते और इस्तेमाल करते हैं Micro Computer कहलाते है। जैसे - लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर, PDAs (Personal Digital Assistants) आदि।

2 - वर्कस्टेशन कंप्यूटर (Workstation Computer)

ऐसे कम्प्यूटर्स जो आम तौर पर बड़े ऑफिसेस, या कम्पनीज में इस्तेमाल किये जाते है और आम तौर पर नेटवर्क से जुड़े रहते हैं  वर्कस्टेशन कंप्यूटर कहे जाते है जैसा की आप इसके नाम से भी अनुमान लगाया सकते हैं  ये कम्प्यूटर माइक्रो कम्प्यूटर्स से  ज्यादा तेज एवं क्षमता वाले होते है। 

3 - मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)


मिनी कंप्यूटर का आकार माइक्रो कंप्यूटर से बड़ा व मेनफ़्रेम कंप्यूटर से छोटा होता हैं। ये कंप्यूटर छोटी जगहों, जैसे छोटे व्यवसाय तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों आदि में काम में लिए जाते हैं। मिनी कंप्यूटर का उपयोग मुख्यतः डेटाबेस प्रबंधन (Database Management), फाइल हैंडलिंग (File handling) जैसे कामों के लिए किया जाता है। मिनी कंप्यूटर वे कंप्यूटर होते है, जो आकार में छोटे होते हैं, पर इनकी डाटा स्टोर करने की क्षमता अधिक होती है। 

मिनी कम्प्यूटर्स को मिड रेंज कंप्यूटर (Mid range Computer) भी कहा जाता है। इन कम्प्यूटर्स को Single User के लिए विकसित नही किया जाता है। इनको एक कम्पनी के द्वारा अपने एक विभाग विशेष मे किसी  विशेष कार्य को करने में उपयोग में लाया जाता है। मिनीकंप्यूटर के कुछ उदहारण इस  प्रकार हैं- टैबलेट पीसी, डेस्कटॉप मिनीकंप्यूटर, सेल फोन, नोटबुक, आदि।

4  - मेनफ़्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer)


एक मेनफ़्रेम कंप्यूटर ऊपर बताये गए सभी कम्प्यूटर से तेज होता है। इनका इस्तेमाल सरकारी प्रतिष्ठानों, बड़ी-बड़ी कम्पनियों द्वारा आँकड़ों को संग्रहित करने के लिए किया जाता है. ये कम्प्यूटर आकार में बहुत बडे होते है.

5   - सुपर कंप्यूटर (Super Computer)


सुपर कंप्यूटर  सबसे तेज और शक्तिशाली कम्प्यूटर होते है। ये कम्प्यूटर आकार में बहुत बड़े होते हैं। इनका उपयोग  शोध सस्थानों, मौसम की भविष्यवाणी, इंजीनियरिग व तकनीक आदि के क्षेत्र में होता है। 

भारत का सबसे तेज सुपर कम्प्युटर प्रत्युष और मिहिर (PRATYUSH and MIHIR) हैं।  भारत ने अपना पहला सुपर कम्प्यूटर परम-8000 (PARAM-8000) वर्ष 1991 में बनाया था जो भारत सरकार की एक संस्था C-DAC ने विकसित किया था। 

अब तक का सबसे तेज सुपर कम्प्यूटर सम्मिट सुपर कंप्यूटर (SUMMIT SUPER COMPUTER) हैं।  जिसे अमेरीका में बनाया गया। 

Click Here

कंप्यूटर परिचय (Computer Introduction)

कंप्यूटर की परिभाषा (Defination of Computer)

Computer एक इलेक्ट्रोनिक उपकरण है जो दिए गए निर्देशों (Inputs) को स्वीकार कर प्रोसेस करता है और हमें सूचना (Output ) प्रदान करता है।
कंप्यूटर शब्द सुनते ही हमारे दिमाग मैं  सिर्फ ऑफिस घर या दुकान मैं टेबल के ऊपर रखे हुए कंप्यूटर या लैपटॉप की तस्वीर आती है  पर कंप्यूटर यही तक सीमित नहीं होते है।  शायद आप ये जान कर हैरान हो जायेंगे की जिस मोबाइल को आप दिन भर चलते है, जिस कैलकुलेटर से आप रोज सैंकड़ो बार हिसाब करते है, जिस थर्मोमीटर से आप बुखार नापते है वह सब भी एक कंप्यूटर ही हैं।   

इनपुट डिवाइस (Input Device)

कंप्यूटर को निर्देश (Command) देने के लिए जिन उपकरणों (Devices) का उपयोग होता है उसे इनपुट डिवाइस कहते हैं। जैसे - कीबोर्ड (Keyboard) , माउस (Mouse), स्कैनर (Scanner), माइक्रोफोन (Microphone), लाइट पेन (Light Pen) आदि।

आउटपुट डिवाइस (Output Device)  

इनपुट उपकरणों द्वारा दिए गए निर्देशों को प्रोसेस करने के बाद जिन उपकरणों के माध्यम से है फाइनल जानकारी मिलती है उन उपकरणों को आउटपुट डिवाइस कहते हैं। जैसे - मॉनिटर (Monitor), प्रिंटर (Printer), प्रोजेक्टर (Projector), स्पीकर (Speaker), हैडफ़ोन (Headphone)आदि। 

कम्प्यूटर का जनक (Father of Computer)

चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर का जनक (Father of Computer) कहा जाता है। उन्होंने सन्न 1833 में एनालिटिकल इंजन (Analytical Engine) को डिज़ाइन किया था, जो आज के आधुनिक कम्प्यूटर (Modern Computer) का आधार बना। 

एनालिटिकल इंजन (Analytical Engine)

चार्ल्स  बैबेज ने एक मशीन का आविष्कार किया, जिसे एनालिटिकल इंजन कहा गया। यह मशीन दशमलव के 50 वें स्थान तक गणना कर सकती थी, तथा इस प्रकार की 1000 संख्याएं इसमें संग्रहित की जा सकती थी।

आधुनिक कंप्यूटर (Modern Computer)

आजकल हम मोबाइल फ़ोन, टेबलेट, कैमरे, स्मार्ट टीवी, स्मार्टवॉच, फिटनेस बैंड, गेम कॉन्सोल, थर्मामीटर जैसे हजारों उपकरण रोज इस्तेमाल करते है जो इंटरनेट या बिना इंटरनेट के काम करते है।  इन सब को किसी कार्य विशेष या कार्य के एक छोटे भाग को करने के लिए बनाये गए  हैं। इन सभी को मॉडर्न कंप्यूटर कहा जाता है। 

कम्प्यूटर का पूरा नाम (Full Form of Computer)

कॉमनली ऑपरेटेड मशीन पर्टिक्यूलरली यूज़्ड इन टेक्नोलॉजी एंड एजुकेशनल रिसर्च। 



कम्प्यूटर की कार्य प्रणाली (Function of Computer)
कंप्यूटर इनपुट उपकरणों (जैसे- कीबोर्ड, माउस, माइक्रोफोन आदि) के माध्यम से निर्देश लेता है, फिर दिए गए निर्देशों को प्रोसेस (CPU द्वारा) करता है। और अनन्तः प्रोसेस किये गए डेटा को स्टोरेज उपकरणों (जैसे- हार्डडिस्क, पेन ड्राइव , सी. डी. आदि ) में स्टोर करने के साथ साथ साथ आउटपुट उपकरणों (जैसे मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर आदि) के माध्यम से जानकारी प्रदान करता है ।


Click Here